शीर्षक- कुछ दीये खास जलाऊंगा
:-आचार्य प्रवेश कुमार धानका
दीपावली का प्रकाश पर्व,मैं भी मनाऊंगा,
इस बार दिवाली पर, कुछ दीये खास जलाऊंगा,
इस बार दिवाली पर कुछ दीये खास जलाऊंगा।
जलाऊंगा एक दीया गरीब का,
जो खाता है अपने नसीब का।
सरकारें कुछ करती नहीं,
गरीबी उनकी मिटती नहीं।
दूर हो गरीबी,ऐसी उम्मीद जगाऊंगा,
इस बार दिवाली पर, कुछ दीये खास जलाऊंगा,
इस बार दिवाली पर,कुछ दीये खास जलाऊंगा।
जलेगा एक दीया अबला नारियों का,
कसूर कुछ भी नहीं उन बेचारियों का।
आए दिन धक्के खा रही हैं,
दहेज के लिए मारी जा रही हैं।
अबला नारी हो सबला ये ही तो मैं चाहूंगा,
इस बार दिवाली पर, कुछ दीये खास जलाऊंगा,
इस बार दिवाली पर, कुछ दीये खास जलाऊंगा।
जलेगा एक दीया उस मेहनती किसान का,
मूल्य नहीं पूरा मिलता,जिसको अपने धान का।
सर्दी-गर्मी में दुःख पाकर अन्न वह उपजाता है,
इतनी मेहनत का वो सारा कौड़ी में बिक जाता है।
किसान रहे खुशहाली में, मैं गीत खुशी के गाऊंगा,
इस बार दिवाली पर, कुछ दीये खास जलाऊंगा,
इस बार दिवाली पर,कुछ दीये खास जलाऊंगा।
दीया जलाऊंगा उस दलित के नाम का,
कौड़ी से भी सस्ता है, मूल्य जिसकी चाम का।
मूंछ रखे,घोड़ी पर बैठे,मटके को जब हाथ लगाए,
पीट-पीट चाम उतारी,अब बलशाली से कौन बचाए?
प्रकाशित हो दिया बोलेगा,अब भेदभाव मिटाऊंगा,
इस बार दिवाली पर, कुछ दीये खास जलाऊंगा,
इस बार दिवाली पर, कुछ कुछ दीये जलाऊंगा।
एक दीया जलेगा मजदूर का
उपेक्षित,शोषित,मजबूर का।
ये सब के सब परेशान हैं,
सरकारें देती नहीं ध्यान हैं।
इनकी पीड़ा मजबूती से,
अब मैं उठाऊंगा,
इस बार दिवाली पर, कुछ दीये खास जलाऊंगा,
इस बार दिवाली पर,कुछ दीये खास जलाऊंगा।
दीया एक सैनिक के नाम,
जो आता है देश के काम।
आज वीर सैनिक घबरा रहे हैं,
क्योंकि नेता सवाल उठा रहे हैं।
आज जाकर के सीमा पर,
सैनिक को गले लगाऊंगा,
इस बार दिवाली पर, कुछ दीये खास जलाऊंगा,
इस बार दिवाली पर,कुछ दीये खास जलाऊंगा।
बड़ा सा दीया राष्ट्र समृद्धि के लिए,
बचाने बिगड़ती संस्कृति के लिए।
विश्व में भारत की प्रसिद्धि के लिए,
देश में धन-धान्य की वृद्धि के लिए।
इन सबके लिए दीये जलाकर, मैं प्रकाश दिखाऊंगा,
इस बार दिवाली पर, कुछ दीये खास जलाऊंगा,
इस बार दिवाली पर,कुछ दीये खास जलाऊंगा।
✍️ आचार्य प्रवेश कुमार धानका
(गाँव सुरजनपुर तहसील थानागाजी)
जिला अलवर राजस्थान।
अध्यापक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय
गुर्जरों का गुवाड़ा थानागाजी,अलवर राजस्थान।