1/16/25

जातिवाद एक मिथ्या (हिंदी कविता) - Saloni yadav

लोकप्रिय साहित्यिक मंच साहित्य आजकल से आज के अंक में प्रकाशित उत्तरप्रदेश की सलोनी यादव द्वारा समाज को जागृत करती हुई बेहतरीन स्वरचित कविता "जातिवाद एक मिथ्या " पढ़ते हैं और आज के तमाम युवाओं को इन पंक्तियों के भाव को आत्मासात करना चाहिए! इस कविता लिंक को जन जन तक शेयर करना न भूलें।

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    जातिवाद (एक मिथ्या) - Saloni Yadav 

सबको है अपनी ही जाति की शान

समाज में लोग इसी से हैं परेशान 

बड़ा वही जिसके पास है विद्या 

इसीलिये जातिवाद है एक मिथ्या 


ऋग्वेद में जाति निर्धारित होता था कर्म से 

 तब लोग नहीं होते थे विचलित अपने धर्म से 

अब छोड़ दो बड़ा छोटा का भेदभाव 

यही ला सक्ता है एक सक्रात्मक प्रभाव 


आज समाज में जातिवाद ने मचाया है हड़कंप 

लोगो में आपसी दुश्मनी बढ़ेगी जब तक होगा नही इसका अंत 

ऊंच-नीच है एक मासिक अवस्था 

हमें मिलकर ख़त्म करना है ये नकारात्मक व्यवस्था


देश में खुशहाल हर व्यक्ति होगा 

अपना समाज जब जाति बंधन मुक्ति होगा 

बहुतो को डर होता है वर्ण भेद से 

वर्ण परम्परा तो चली आ रही है अथर्ववेद से 

जाति निर्धारन रो क दो वंश के आधार से 


दोस्ती बढ़ाओ तालमेल, व्यवहार और अपने संस्कार से

जातिप्रथा समाप्त करना है तो शुरू करें अंतरजातीय विवाह 

यही सही रास्ता है और यही हैं एक कवयित्री की सलाह 


Name - Saloni yadav 

Schooling - st Xavier's school salempur Deoria 

College - J.S university Shikohabad ( Bse.)

Address - Jamua no. 2 Salempur

 Deoria Uttar Pradesh


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1/13/25

ब्लैकमेलिंग का जाल (हिंदी कविता ):- इजहार अली हैदर


 ब्लैकमेलिंग का जाल :- इजहार अली हैदर


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ब्लैकमेलिंग का जाल :- इजहार अली हैदर

गाँव की पगडंडियों पर चलती,

सपनों में खोई एक लड़की थी।

मासूम सी उसकी हंसी,

दिल में कई अरमान भरी थी।


खेल कूद और हंसी-ठिठोली,

गाँव की रीत निभाती थी।

न जाने कब किसने देखा,

उसकी तस्वीरें चुराईं थी।


एक दिन वो अजनबी मिला,

मुस्कान में उसने जाल बिछाया।

मासूमियत को उसकी भांप कर,

अपना उसने खेल रचाया।


पहले प्यार का झूठा वादा,

फिर बातें मीठी-मीठी।

धीरे-धीरे उसके दिल को,

फांस लिया एक नीच नीयती।


फिर एक दिन उसने धमकाया,

वो तस्वीरें और वो बातें।

उसकी इज्जत और मान को,

अब उसने हथियार बनाया।


"दे दो ये, करो वो काम,

वरना नाम मिटा दूंगा।

तुम्हारी इन मासूम आँखों का,

मैं सारा नशा उतार दूंगा।"


डर और शर्म से सहमी लड़की,

उसने किसी को नहीं बताया।

हर रोज़ उसके कदमों में,

उस दरिंदे का साया।


माँ-बाप की इज्जत का डर,

और समाज का कटु व्यंग।

उसकी आत्मा चीख उठी,

पर मुँह से निकली न एक संग।


हर रोज़ एक नई सजा,

हर रोज़ एक नया ज़ुल्म।

वो मासूम सी चिड़िया,

अब हो गई एक कसमकश का फल।


फिर एक दिन हिम्मत बांधी,

अपनी चुप्पी को तोड़ा।

गाँव की पंचायत में जाकर,

अपनी दर्द भरी दास्तान बोला।


सुनकर उसकी करुण कहानी,

सबकी आँखें भर आईं।

उस दरिंदे को पकड़ने के लिए,

गाँव ने अब कमर कसी।


लड़कियों की इज्जत और मान,

अब गाँव की शान बनी।

उसकी हिम्मत और साहस से,

नई दिशा गाँव ने पाई।


अब हर लड़की को सिखाया जाता,

साहस और आत्मसम्मान का पाठ।

ब्लैकमेलिंग के इस काले जाल को,

मिलकर सबने किया साफ।


उस मासूम की कहानी ने,

गाँव को नई राह दिखाई।

साहस और संगठित प्रयास से,

हर मुश्किल को मात दिलाई।


अब गाँव में हर लड़की,

अपने सपनों को जीती है।

साहस और आत्मबल के संग,

जीवन की राह चुनती है।


कवि - इजहार अली हैदर

 जिला पलामू

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12/31/24

कुछ करना है मुझे (हिंदी कविता)- सलोनी यादव

यूं तो आपने कई हिंदी कविताओं को पढ़ा होगा किन्तु खुद को प्रेरित करती कविता कम ही। तो चलिए साहित्य आजकल से आज के अंक में प्रकाशित उत्तरप्रदेश की सलोनी यादव द्वारा खुद को प्रेरित करती हुई बेहतरीन स्वरचित कविता "कुछ करना है मुझे" पढ़ते हैं और आज के तमाम युवाओं को इन पंक्तियों के भाव को आत्मासात करना चाहिए! इस कविता लिंक को जन जन तक शेयर करना न भूलें।

  शीर्षक :- "कुछ करना है मुझे"  


शीर्षक :- "कुछ करना है मुझे"  

आजकल बच्चों में आत्मविश्वास का

बढ़ता जा रहा है अभाव,

इसलिये लिखने बैठी हूं अपने मन के भाव,

कुछ करना है मुझे, कुछ करना है मुझे,

वही आश लिये है अपने सीने में,

क्योंकि कुछ करने का मजा है

 जीने में आगे क्या होगा, 

बताने वाला कोई फकीर नहीं,

और जिंदगी में कुछ भी नहीं मिले

 ऐसी हाथों की लकीर नहीं,


कौन है, जो सब कुछ पा सकता है करके समर्पण,

अगर जान ना हैं तुम्हे, तो जाओ देख लो दर्पण,

आज पैसो के लिय बढती जा रही है

दुरिया अपनी ही रक्त की, 

उन्हें नहीं पता, कीमत पैसे की नहीं

 होती है तो वक्त की,


यू तुम थक कर ना बैठ रख हाथों पर हाथ,

क्या हुआ अगर पूरी दुनिया छोड़ दे 

ईश्वर है तुम्हारे साथ, 

तुम अपने हौसले और मेहनत से

 बदल दो अपनी किस्मत,

क्योंकि इसके बाद ही किसी को

 मिलती है जिंदगी में बरकत,

तुम्हें खुश रहना है तो छोड़ दो 

अधिक कामने की तृष्णा ,

बुड्ढे, कामजोर और असहाय से मत करो घृणा |

 

रचनाकार - सलोनी यादव

(उत्तरप्रदेश )

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12/21/24

फिजिकल टीचर को आखिर न्याय कब देंगे नीतीश कुमार??

   फिजिकल टीचर को आखिर न्याय कब देंगे नीतीश कुमार??  


बिहार के शारीरिक शिक्षकों का दर्द छलक उठा है। इनका कहना है कि सरकार उनकी नहीं सुनती है और बोलने पर पुलिस लाठीयों से मारती है। ऐसे में आखिर तमाम फिजिकल टीचर क्या करें? ना तो अपनी मां की दवाई ला सकते हैं और ना ही बच्चों की फीस भर सकते हैं। कम पैसों की वजह से घर का खर्च चलाने के लिए भी घर वालों से पैसे मांगने पड़ते हैं। आज फिजिकल टीचर की हालत काफी दयनीय हो चुकी है!


बिहार में नव नियुक्त शारीरिक शिक्षक और स्वास्थ्य अनुदेशक आर्थिक तंगी और वेतन विसंगतियों से जूझ रहे हैं - 

 महज ₹8,000 मासिक वेतन पर काम कर रहे इन शिक्षकों के लिए जीवनयापन करना अत्यंत कठिन हो गया है। उनकी शिकायतें और विरोध लंबे समय से जारी हैं, लेकिन सरकारी स्तर पर अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। आखिर करे तो क्या करे फिजिकल टीचर?



शिक्षकों की शिकायतें और चुनौतियां भी कम नहीं 

शारीरिक शिक्षकों का कहना है कि उन्हें अपने परिवार का सामना करने में भी शर्म आती है। वे मां की दवा, बच्चों की फीस और दैनिक खर्चों के लिए पैसे नहीं जुटा पाते हैं । अधिकांश शिक्षक घर से दूर स्कूलों में तैनात हैं और किराए के मकानों में रहते हैं। ₹8,000 की तनख्वाह का बड़ा हिस्सा किराए और यात्रा में खर्च हो जाता है। अब सोचने वाली बात यह है कि आखिर करे तो क्या करे? 


बिहार में शिक्षा और मेहनत का कोई सम्मान नहीं - फिजिकल टीचर 

शिक्षकों ने लाखों रुपये खर्च कर मैट्रिक, इंटर, ग्रेजुएशन और B.P.Ed की पढ़ाई की। 2019 में STET पास करने के बाद तीन साल इंतजार करना पड़ा। 2022 में नौकरी मिलने के बाद भी वेतन की स्थिति दयनीय बनी रही। लगातार फिजिकल टीचर सरकार से अपनी बात बताते रहे हैं तब भी सरकार नहीं सुन रही है!



संघर्ष और आंदोलन का सिलसिला जारी 

शिक्षक प्रतिनिधियों ने कई बार पटना में धरना प्रदर्शन किया। अपनी शिकायतें सरकार और राजनीतिक दलों के नेताओं तक पहुंचाईं। 26 जुलाई और 25 अक्टूबर 2024 को पटना सचिवालय और जदयू कार्यालय का घेराव करने पर शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया गया। इससे शिक्षकों में गहरी नाराजगी और हताशा हो चुके हैं!


आगामी विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी - 

फिजिकल टीचर अब आंदोलन करने पर बेबस हो गए हैं जानकारी अनुसार जल्द ही फिर से फिजिकल टीचर आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं!


शिक्षकों ने न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर उनके जीवनयापन योग्य बनाने की मांग की है। सरकार से वेतन विसंगतियों को दूर करने और शिक्षकों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की गई है।






10/25/24

Top 5 Best 5 g Smartphone

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                            (1)

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                                    (2)


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9/25/24

समकालीन कविता में गीत गजलों ने जबरदस्त हस्तक्षेप किया है l : सिद्धेश्वर

समकालीन कविता में गीत गजलों ने जबरदस्त हस्तक्षेप किया है l : सिद्धेश्वर

           पटना ! 25 09/24l हिंदी साहित्य में यदि सर्वाधिक लिखी जाने वाली और चर्चित कोई विधा है तो वह है कविता ! और वह इसलिए है कि यह समयगत सच्चाइयों को अंगीकार करते हुए, अपनी प्रभावशाली शैली में, साथ ही साथ कम शब्दों में, बहुत बड़ी-बड़ी बातें कहने में सक्षम दिख पड़ती है l कविता महत्वपूर्ण, चर्चित विधा है। उसकी आकारीय लघुता में ही संपूर्णता है l और इस मायने से बड़े आकार में लिखी जा रही कविताएं या महाकाव्य ग्रंथ को दरकिनार किया जा रहा है l सपाटबयानी कविता किसी को पसंद नहीं आ रही है lइसलिए गीत गजलों का अब प्रचलन फिर से बढ़ गया हैl और आज समकालीन कविता में गीत गजलों ने जबरदस्त हस्तक्षेप किया है l 

 भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वावधान में, अवसर साहित्य पाठशाला के 49वें एपिसोड में, पूरे देश में पहली बार इस तरह का साहित्यिक पाठशाला का ऑनलाइन आयोजन करने वाले संयोजक सिद्धेश्वर ने, संचालन के क्रम में उपरोक्त उद्गार व्यक्त किया l उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि कई नए रचनाकार इस पाठशाला में शामिल हो रहे हैं और लाभ उठा रहे हैं l

             सरोज गुप्ता ने लिखा कि सिद्धेश्वर की कविता अच्छी लगी l जीवन की सच्चाई यही है सांसों की घड़ी कहीं भी रुक सकती है l मार्मिक रचना साधुवाद l सिद्धेश्वर ने विज्ञान व्रत की ग़ज़ल की सराहना करते हुए लिखा कि आपके सारे शेर काफी महत्वपूर्ण होते हैं l छोटे बहर में बड़ी बातें होती है l विजया नंद विजय ने कहा कि सभ्यता संस्कृति संस्कार यह सब घर की बहू बेटियों से ही चलते हैं अब एकाकी परिवार में खाना पानी सब पैकेट में l कई कविताओं में इन बातों का अच्छा जिक्र हुआ है l तेज नारायण रॉय ने लिखा कि सिद्धेश्वर की गजलें अच्छी बन पड़ी है l अध्यक्षीय टिप्पणी देते हुए घनश्याम कालजयी ने लिखा कि इस मंच पर कई कविताएं मानवीय वेदना को झकझोरती हुई समसामायिक है l

                         सितंबर 2024 माह में आयोजित इस अवसर साहित्य पाठशाला एवं कविता सप्ताह में जिन रचनाकारों की कविताएं प्रस्तुत की गई उनमें प्रमुख हैँ : सर्वश्री 🧇 कविता सप्ताह में शामिल अब तक के कविगण सर्वश्री विज्ञान व्रत / सरोजिनी तन्हाँ /राज कांता राज /एम के मधु/ तेज नारायण राय/ अपूर्व कुमार/ सिद्धेश्वर / सुरेंद्र चतुर्वेदी / अविनाश बंधु निर्मल कुमार डे/ विजयाकुमारी मौर्य / मनोरमा पंत / अनिता रश्मि / घनश्याम कालजयी / सुधाकर मिश्रा/ निर्मल कर्ण / महक पंत / निर्दोष कुमार विन / अनीता पंडा /ऋचा वर्मा / सपना चंद्रा / हिना मांड्या / राज प्रिया रानी / शंकर भगवान सिंह / अर्चना/ सरोज गुप्ता / प्रभात धवन/ जगदीश रॉय / दीप्ति / रशीद गौरी / अनीता मिश्रा सिद्धि / मीरा सिंह मीरा / नीलम नारंग / पूनम वर्मा/ पुष्प रंजन / एकलव्य केसरी / योगराज प्रभाकर l

           महीने के प्रथम सप्ताह सोमवार से शनिवार तक, व्हाट्सएप के अवसर साहित्य यात्रा पेज पर चलने वाली पाठशाला सह कार्यशाला का समापन रविवार को गूगल मीट के माध्यम से फेसबुक के अवसर साहित्यधर्मी पत्रिका के पेज पर हेलो फेसबुक कवि सम्मेलन के साथ हुआ l




9/15/24

सभक मंच द्वारा आयोजित हुई पूर्णिया पॉमोडी

 


 साहित्यिक खबर:- 

सभक मंच द्वारा आयोजित हुई पूर्णिया पॉमोडी

पूर्णिया शहर के स्थानीय टाउन हॉल परिसर में सभक मंच द्वारा पूर्णिया पॉमोडी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में खाद एवं उपभोक्ता मंत्री लेसी सिंह, पूर्णियां कॉलेज पूर्णियां प्रधानाचार्य डॉ शंभू कुशाग्र, प्रोफेसर डॉ वी. एन सिंह, समाजसेवी अनंत भारती, प्रेस क्लब पूर्णियां के अध्यक्ष नंद किशोर सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार गिरजानन्द मिश्र, डॉ के के चौधरी, संजय सनातन, लोकनर्तक अमित कुंवर, कॉमेडियन राज सोनी शामिल थे। उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता शम्भू कुशाग्र कर रहे थे। वहीं मंच संचालन युवा कवि हरे कृष्ण प्रकाश व रितेश कुमार ने संयुक्त रूप से किया।

        कार्यक्रम में मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि साहित्य की राह पकड़ समाज को बेहतर संदेश देने वाले इन तमाम युवाओं को बधाई साथ ही उन्होंने कहा कि जहां लोग आज के समय मोबाइल में व्यस्त रहते हैं वहीं इस कार्यक्रम में साहित्यप्रेमी पहुंचे हैं यह गर्व की बात है। अंत में साहित्यकारों को इस तरह कार्यक्रम निरंतर आयोजित करने को ले प्रेरित किया।


        कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्णिया कॉलेज पूर्णियां के प्रधानाध्यापक डॉ शम्भू कुशाग्र ने कहा कि साहित्य समाज की दर्पण है और इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन से समाज को नई दिशा मिलती रहेगी। साहित्य चाहे किसी भी विधा में हो लिखना आसान नहीं। आज के नवोदित साहित्यकार ही कल की साहित्यिक धरोहर है। उन्होंने कहा कि समाज अभी जिस ओर बढ़ रही है उसे साहित्य ही सही राह दिखा सकती है। वहीं कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित करते हुए डॉ. वी एन सिंह ने कहा कि ये कार्यक्रम कल्पनाओं को हकीकत में बदलने की कोशिश है। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया ।


        इस कार्यक्रम में तमाम साहित्यकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। जिसमें रानी सिंह ने मां जब मुस्कुराती है, अंशु अजय चरैया ने हे कृष्ण तुम आओ जरा सुदर्शन तो उठाओ जरा पाप ही पाप है बढ़ गया, सुदर्शन तो उठाओ जरा, पर काव्य पाठ कर ढेरों तालियां बटोरी। वहीं युवा कवि हरे कृष्ण प्रकाश ने अल्हड़ सी इस दुनियां में रहते हैं कई लोग, हिंदी के हैं हम दीवानें, हिंदी के हैं कई अफसाने से अपनी बेहतरीन प्रस्तुति दी। प्रिया सिंह ने कोई पागल है दुनियां में, रितेश कुमार ने वो जब हंसती है सावन से अपनी प्रस्तुति दी, अखिल आनंद ने उनके लिए बेचैन नही हूँ पर थोड़ी बेचैनी होती, हमेशा नही कभी कभी,
से अपनी प्रस्तुति दी। शम्श तबरेज, प्रिंस ओम ने कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति से समा बांध दी। अतिथियों संग श्रोताओं ने जमकर तालियां बजा कर नवोदित कवियों का उत्साहवर्धन किया। 




          कार्यक्रम के विषय में मंच संयोजक रितेश कुमार, अंशु अजय चरैया व अखिल आनंद ने संयुक्त रूप से कहा कि इस कार्यक्रम के तहत नवोदित साहित्यकारों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया है। कार्यक्रम के अंत में तमाम कवियों को पुस्तक देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में तमाम साहित्यकारों में  युवा कवि हरे कृष्ण प्रकाश, रितेश कुमार, अखिल आनंद, अंशु अजय चरैया, पंकज कुमार, शम्स तबरेज, रानी सिंह, प्रिया सिंह, मनु रमन, पंकज सिंह, सोनम कुमारी, प्रिंस राज ओम, युनोसाहिद, कॉमेडियन राज सोनी आदि ने बेहतरीन प्रस्तुति दी। इस मौके पर कई गणमान्य अतिथि व सैकड़ों युवा मौजूद रहे।











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8/23/24

तब मैं रहूंगा तुम्हारे संग (कविता):- प्रेम ठक्कर "दिकुप्रेमी"

तब मैं रहूंगा तुम्हारे संग (कविता):- प्रेम ठक्कर "दिकुप्रेमी" 

*शीर्षक:- बुढ़ापे तक का साथ*

जब सूरज की किरणें होंगी हल्की,

और जीवन की राहें होंगी थकती, 

तब मैं रहूंगा तुम्हारे संग,  

हर पल में भर दूंगा प्यार का रंग।  


बुढ़ापे की छांव में, जब होंगे हम,  

साथ बिताएंगे वो खट्टे-मीठे क्षण।  

हाथों में हाथ, दिलों में धड़कन,  

संग चलेंगे हम, जैसे हो एक ही चमन।  


सपनों की बातें, यादों की छाया,  

हर दर्द में बनूंगा, मैं तुम्हारा साया।

  

बुढ़ापे की राहों में, 

ना होगी कोई दूरी।

तुम्हारे साथ चलूंगा हरदम, 

इसी से होगी सम्पूर्ण मेरी ज़िंदगी, 

जो अभी हो चुकी है अधूरी।


साथ में हंसेंगे, साथ में रोएंगे।

जीवन के हर मोड़ पर, 

हम एक-दूसरे में खुद को खोएंगे। 

 

बुढ़ापे तक का ये वादा है मेरा,  

तुम हो मेरी आखरी ख्वाईश, 

तुम ही हो मेरा जीवन सारा।


*प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए*

प्रेम ठक्कर "दिकुप्रेमी"

(सुरत, गुजरात)

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धन्यवाद

    हरे कृष्ण प्रकाश 

(युवा कवि, पूर्णियां बिहार)

   (साहित्य आजकल व साहित्य संसार)













8/22/24

तुम न्याय का याचन मत करना (कविता):- विजय कुमार सुतेरी

रचना पृष्ठभूमि- यह रचना पश्चिम बंगाल में हाल में हुए बलात्कार पीड़ित एक डॉक्टर बिटिया को समर्पित है ,जिसमे महिलाओं को स्वयं को कमजोर समझने की मानसिकता से ऊपर उठकर अपनी शक्ति और ऊर्जा को पहचानने के विषय में बताया गया है।

शीर्षक -न्याय याचना

तुम न्याय का याचन मत करना,

उम्मीद बांध कर मत रखना

हो सके राह में चलते चलते।

सर को चुनरी से मत ढकना।


तुम एक रोज यूंही जरा गौर करना

गाहे बगाहे खुद के भीतर जरा शोर करना

तुम पूछना खुद से कि तुम क्या खो रही हो

अस्तित्व हीन सपनो की लंबी नीद सो रही हो।


कोई आए और सब कुछ रौंद कर चला जाए

तुम्हारा जिस्म, तुम्हारी रूह तक छलनी कर जाए

और तुम्हारे पीछे मोम्बतियो के उजाले में लोग ,

इंसाफ मांगते कुछ रात सड़कों पर चिल्लाएं ।


है मिला किसे इंसाफ यहां, मोमबत्ती की रोशनी तले

राख बहुत से घर हुए हैं, कुछ जले कुछ अधजले ।

कुछ समाचार में छाए,कुछ अखबारों की सुर्खियों के नाम रहे

कुछ इज्जत की खातिर, चार दीवारों में गुमनाम रहे।


लथपथ रक्त से सना तन बदन, दूर तक जाती खून की धार।

इन दृश्यों की परपाटी अंतहीन चली आ रही है।

तुम्हारी खुद को कमजोर कहने की परंपरा आज,

किसी होनहार डॉक्टर की बलि खा रही है।


कोई कोना ढूंढ लेना खुद को सुरक्षित रखने के लिए

गलियां, सड़कें, अस्पताल ,खुली हवा बस इनसे दूर रहना।

सिसकियों में जीवन के रस का लुत्फ उठाना

पर भूलना मत खुद को "स्त्री और मजबूर" कहना।


हा अगर सुना है कभी "चंडी" का नरसंहार

तो संभल स्त्री! उठा खड्ग और चामुंडी तलवार।

इतिहास बना ऐसा, वो जो सदियों तक गाया जाए

हो एक तो कोई मर्दानी, जो झांसी की फिर याद दिलाए।


कोमल पुष्पों की काया के कांटे रखवाले होते हैं

 सौभाग्य बनाती नारी के हाथों में भाले होते हैं

वैभव ऐसा कि दुश्मन की बांह उखाड़े लहरा दे

हिम्मत मानो अपनी निजता के, द्वारों पर खुद पहरा दे।।


हो विषम वेदना कितनी भी

आंसू आंखों के मत चखना

तुम न्याय का याचन मत करना

उम्मीद बांध कर मत रखना।

कविता शीर्षक - न्याय याचना


कवि- विजय कुमार सुतेरी

शहर -लोहाघाट

राज्य- उत्तराखंड

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धन्यवाद

    हरे कृष्ण प्रकाश 

(युवा कवि, पूर्णियां बिहार)

   (साहित्य आजकल व साहित्य संसार)






5/20/24

अपने फोन से RTI Apply बस 2 min में ऐसे करें? RTI Apply करने का संपूर्ण जानकारी!

अपने फोन से RTI Apply बस 2 min में ऐसे करें? RTI Apply करने का संपूर्ण जानकारी! How to Apply RTI online? How to file RTI Online step by step own Mobile? नीचे दिए जानकारी से साथियों आप जल्द RTI कर लेंगे।


दोस्तों सरकार द्वारा बढ़ रहे करप्शन पर रोक लगाने के लिए और नागरिकों को सरकारी विभाग के कामों के सम्बंधित सभी जानकारी या सूचना सही सही प्राप्त हो सके इसके लिए 2005 में सूचना का अधिकार यानी (Right to Information-RTI) अधिनियम लागू किया गया था और इसके तहत 0nline RTI Application Form भरकर ये भी जानकारी पता कर सकते है कि आपके क्षेत्र के विकास कार्य में कितने पैसे खर्च हुए और सरकार द्वारा आपको जानकारी तथ्यों के आधार पर दी जायेगी। साथ ही आप किसी भी विभाग के संबंध में कोई भी जानकारी लेना चाहते हैं जैसे अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षाओं का फॉर्म भर कर परीक्षा देते हैं किंतु आप असफल हो जाते हैं तो आप RTI के तहत उस परीक्षा परिणाम की पूरी डिटेल्स मंगा सकते हैं। 

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              तो साथियों अगर आपको किसी भी विभाग से कुछ जानकारी लेनी है तो नीचे दिए स्टेप को फॉलो करें और आसानी से RTI फॉर्म अप्लाई करें। 

अपने मोबाइल फोन से अप्लाई करने के लिए सबसे पहले आप इस "जानकारी RTI" पर क्लिक करें और यह बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट है और यदि आप इसका आधिकारिक जानकारी एप को इंस्टाल करना चाहते हैं तो हमें 9709772649 पर व्हाट्सएप कर लें मैं सीधा एप भेज दूंगा।

बिहार सरकार ने “Jankari” के रूप मे एक सुविधा केंद्र की स्थापना की है जिससे आप मात्र 5 मिनट में RTI कर सकते हैं।आरटीआई फाइल करने का सबसे फास्ट तरीका यह है। नीचे बताएं गए प्रॉसेस को फ़ॉलो करके बिहार ऑनलाइन आरटीआई फाइल कर कर जानकारी ले सकते हैं -- 

1) सबसे पहले आपको Jaankari Facilitation Centre की आधिकारिक पर क्लिक कर एप को डाउनलोड कर लें। या आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर सीधे ऑनलाइन ओपन कर लें।

2) वेबसाइट पर जाने के बाद होम पेज पर राइट साइड मे 4 बॉक्स दिखाई देंगे।

3) आपको अप्लाई फॉर आरटीआई (Apply for RTI) पर क्लिक करना होगा या ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करके डायरेक्ट जा सकते हैं। इसके बाद आपके सामने एप्लीकेशन फॉर्म तुरंत खुल जाएगा!

4) एप्लीकेशन फॉर्म में पुछी गई सभी जानकारी दर्ज करनी होगी जैसे कि नाम, मोबाइल नंबर, Aadhaar Number, एड्रेस आदि।

5) आगे आपको जिस विभाग से जानकारी प्राप्त करनी है वो स्लेक्ट करना होगा, इसके बाद जिस चीज के बारे मे पूछना चाहते हैं वो Subject डालना होगा।

6) इसके बाद Description (विवरण) भरना होगा।

सारी जानकारी भरने के बाद  proceed पर क्लिक करना होगा! और proceed to pay पर क्लिक करना होगा।

इसके बाद आपको RTI payment Fee ka भुगतान डेबिट/क्रेडिट या UPI के माध्यम से करना होगा। पेमेंट करने के बाद आवेदन संख्या और पेमेंट स्लीप को save करके रख लेना है।

RTI करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि आप जो मेटर लिख रहे हैं उसका शब्द को सही रूप से प्रेषित करना...इसलिए मैं आपको एक उदाहरण देते हुए आपको समझता हूं और आप इस तरह ही शब्दों को लिख कर जब आरटीआई करेंगे तो विभाग से जवाब जरूर मिलेगा। ---- 

Subject में इस तरह लिखें:- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना प्राप्ति के संबंध में।

Description में इस तरह लिखें :- (Advt. No. 27/2023), EDUCATION DEPARTMENT, CLASS 9-10 'गणित' विषय के लिए घोषित रिजल्ट में भाषा Qualifying में 30 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले Candidates की संख्या से अवगत कराने का कष्ट करें।

                                Thanks 

                   ( Sahitya AajKal Team)

  Article written by:- Hare Krishna Prakash 

    Founder:- (Sahitya AajKal, Sahitya sansaar)

हमारे यूट्यूब चैनल के इस वीडियो से आप RTI अप्लाई करने का तरीका स्टेप बाई स्टेप सिख सकते हैं --- 


5/8/24

Top 5 Best Whirlpool Freeze or Refrigerator

  Top 5 Best Whirlpool Freeze or Refrigerator 

साथियों गर्मी के इस मौसम में यदि आप सबसे बेस्ट फ्रिज ढूंढ रहे हैं तो आप चिंता मत कीजिए हम हैं न आपके लिए मेहनत कर खोज लाया हूं 5 स्टार और 4 स्टार वाला बेस फ्रिज तो डिस्काउंट के साथ आप नीचे दिए फ्रिज को आसानी से खरीद सकते हैं।
   
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4/29/24

भूल जाओ कोई नाम है (कविता):- साक्षी रॉय

    भूल जाओ कोई नाम है (कविता):- साक्षी रॉय   

साहित्य आजकल से आज के अंक में आप पढ़ेंगे समस्तीपुर बिहार की साक्षी रॉय की जाती धर्म संप्रदाय पर केंद्रित स्वरचित रचना। पढ़ें व अपने तमाम लोगों तक अवश्य साझा करें।

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भूल जाओ कोई नाम है (कविता):- साक्षी रॉय

 हिंदू मुस्लिम से लड़ाई क्यों

जाति में इतनी कड़वाहट क्यों

भूल जाओ कोई नाम है

खाना तो नहीं,

फिर इतनी लालसा क्यों ।।

हिंदू के लिए गलत है मुस्लिम

मुस्लिम के लिए गलत है हिंदू

महान विचारकों महान लोगों को,

पढ़ते हो किताबें में

उसमें भी तो होते हैं 

कोई मुस्लिम कोई हिन्दू

उनका तुम सत्कार करोगे

असल जिंदगी में ईर्ष्या करोगे।।

नकारात्मक सोच को बाहर निकालो,

अपना जीवन खुशहाल बनाओ,

ना कोई हिन्दू ना कोई मुस्लिम

हम है एक भविष्य जो लाएंगे

एकता में शक्ति का नाम।।

          रचनाकार:- साक्षी रॉय

         (समस्तीपुर, बिहार)


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नोट:- निःशुल्क रचना प्रकाशन या वीडियो साहित्य आजकल से प्रसारण हेतु साहित्य आजकल टीम को 9709772649 पर व्हाट्सएप कर संपर्क करें।

यदि आप साक्षात्कार देना चाहते हैं तो आदरणीय यह साक्षात्कार देने हेतु साहित्य आजकल की अधिकारिक फॉर्म है। अतः इसे सही सही भरकर हरे कृष्ण प्रकाश के साथ अपना साक्षात्कार तिथि सुनिश्चित करवाएं।।

सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें 

धन्यवाद

    हरे कृष्ण प्रकाश 

  (युवा कवि, पूर्णियां बिहार)

   (साहित्य आजकल व साहित्य संसार)




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