भूल जाओ कोई नाम है (कविता):- साक्षी रॉय
साहित्य आजकल से आज के अंक में आप पढ़ेंगे समस्तीपुर बिहार की साक्षी रॉय की जाती धर्म संप्रदाय पर केंद्रित स्वरचित रचना। पढ़ें व अपने तमाम लोगों तक अवश्य साझा करें।
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भूल जाओ कोई नाम है (कविता):- साक्षी रॉय
हिंदू मुस्लिम से लड़ाई क्यों
जाति में इतनी कड़वाहट क्यों
भूल जाओ कोई नाम है
खाना तो नहीं,
फिर इतनी लालसा क्यों ।।
हिंदू के लिए गलत है मुस्लिम
मुस्लिम के लिए गलत है हिंदू
महान विचारकों महान लोगों को,
पढ़ते हो किताबें में
उसमें भी तो होते हैं
कोई मुस्लिम कोई हिन्दू
उनका तुम सत्कार करोगे
असल जिंदगी में ईर्ष्या करोगे।।
नकारात्मक सोच को बाहर निकालो,
अपना जीवन खुशहाल बनाओ,
ना कोई हिन्दू ना कोई मुस्लिम
हम है एक भविष्य जो लाएंगे
एकता में शक्ति का नाम।।
रचनाकार:- साक्षी रॉय
(समस्तीपुर, बिहार)
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हरे कृष्ण प्रकाश
(युवा कवि, पूर्णियां बिहार)
(साहित्य आजकल व साहित्य संसार)
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