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10/16/25

रंग बदलते नेताजी ( हिंदी कविता )- युवा कवि हरे कृष्ण प्रकाश



 -: शीर्षक:- 

  रंग बदलते नेताजी  

ऐ पथ के राही, तू देख ज़रा,

कैसे ज़माना बदलता है,

सच को दबाकर झूठ,

कैसे आगे बढ़ जाता है!


ऐ पथ के राही तू देख ज़रा...


रोज़ सबेरे उठते ही वो,

कैसे जनता को लुभाता है,

ट्वीट से कर वादा नेताजी,

कैसे अपना रंग बदलता है!!


ऐ पथ के राही तू देख ज़रा...


कुर्सी हेतु टिकट के खेल में,

कैसे धनकुबेर बन जाता है,

बन निडर करे जुमलेबाज़ी,

कैसे युवाओं को तड़पाता है!


ऐ पथ के राही तू देख ज़रा...

कैसे अपना रंग बदलता है!!


सृजनकार:- हरे कृष्ण प्रकाश 

          (युवा कवि पूर्णियां, बिहार)

रचना स्वरचित व मौलिक 

संपर्क :- sahityaaajkal9@gmail.com