12/3/23

सफलता के शिखर (प्रेरणादायक कविता):- सलमान सूर्य

 शीर्षक :- सफलता के शिखर (प्रेरणादायक कविता):- सलमान सूर्य


  सफलता के शिखर (प्रेरणादायक कविता):- सलमान सूर्य. 

हे इन्सान तू रुक मत कभी।

हे इन्सान तू हार मत कभी ।


तुझे सफलता के शिखर तक पहुंचना है अभी,

तुझे परिश्रम करना है अति।


धैर्य रख हिम्मत से काम ले,

क्योंकि सफलता की सीढ़ी चढ़ना अभी।


हे इन्सान तू रुक मत कभी।

हे इन्सान तू हार मत कभी।


समय का एक-एक क्षण है अनमोल तेरे लिए,

समय कमान से निकले तीर की तरह कभी वापस न आता।


समय की कीमत को जो पहचान लेता,

मंज़िल तक वही है,पहुंच पाता।


हे इन्सान तू रुक मत कभी।

हे इन्सान तू हार मत कभी।


मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़ता रहा कर।

सदा प्रयास करता रहा कर,


भयभीत न हो, निराश न हो जीवन में कभी,

बस! सत्य के पथ पर सदा चलता रहा कर।


हे इन्सान तू रुक मत कभी।

हे इन्सान तू हार मत कभी।

✍🏻 कवि - सलमान सूर्य

       बागपत,उत्तर प्रदेश


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    हरे कृष्ण प्रकाश 

  (युवा कवि, पूर्णियां बिहार)

   (साहित्य आजकल व साहित्य संसार)






 

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